
रायपुर। पत्रकारिता पढ़ाने वाले विश्वविद्यालय की सुरक्षा में गंभीर अनियमितताओं का पर्दाफाश हुआ है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (KTUJM) में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही बालाजी सिक्योरिटी एजेंसी न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, बल्कि नाबालिग से मजदूरी करवा रही है, वह भी महज 9 हजार रुपये में और पूरे 12 घंटे ड्यूटी के साथ।
सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के लिए 28 गार्डों की नियुक्ति का टेंडर पास हुआ था। मगर दो दिन की जांच में सिर्फ 8 गार्ड ड्यूटी पर पाए गए। सवाल यह है कि बाकियों का वेतन हर महीने कहां जा रहा है?
सिर्फ यही नहीं—17 साल के नाबालिग बच्चे से ड्यूटी करवाई जा रही है, जो स्पष्ट रूप से श्रम कानून का उल्लंघन है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके लिए संबंधित एजेंसी और नियोक्ता पर दो साल की जेल और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
हैरानी की बात यह है कि इस पूरे प्रकरण के दौरान विवि की कमान रायपुर संभाग के कमिश्नर के हाथ में है, और कुलसचिव भी एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। इसके बावजूद जवाबदेही और निगरानी की भारी चूक सामने आई है।
गाइडलाइन के मुताबिक विश्वविद्यालय के अनुशासक अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वे गार्डों की ड्यूटी और हाज़िरी की प्रतिदिन निगरानी करें और एजेंसी से जवाब तलब करें। मगर वर्तमान स्थिति यह दिखा रही है कि जिम्मेदार अधिकारी या तो अनजान हैं या जानबूझकर आंख मूंदे हुए हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है —
क्या पत्रकारिता सिखाने वाला विश्वविद्यालय खुद पारदर्शिता और जवाबदेही के पैमाने पर खरा उतर रहा है?